पौड़ी- कहते हैं कि स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है। जंहा से बच्चे को अच्छी शिक्षा व संस्कार दिए जाते है जिससे वो समाज में अपनी पहचान बनाए। और शिक्षा के मंदिर में शिक्षा देने वाले गुरु को भगवान से ऊपर का दर्जा दिया जाता हैं। मगर इस कलयुग के समय में शिक्षण संस्थानों को मात्र कमाई का जरिया बना दिया गया है। ऐसा ही एक मामला पौड़ी जिले से आया है। जंहा जिले के दूरस्थ ब्लॉकों में तैनात शिक्षक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। कई बार दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षक नदारद हैं तो कई जगहों पर स्कूलों में ताला लटका हुआ है। लेकिन इस बार एक नया ही प्रकरण देखने को मिला है। जिले के एकेश्वर ब्लॉक के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने अपनी जगह एक प्रॉक्सी टीचर यानी अपने खर्चे पर दूसरी युवती को स्कूल में रख लिया।
ये युवती शान से प्रधानाध्यापिका की जगह स्कूल में पढ़ा रही थी। एकेश्वर ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बंठोली में द्रौपदी मधवाल पिछले चार साल से तैनात थी. इस प्रधानाध्यापिका का हर महीने का वेतन 70 हजार के करीब है. द्रौपदी मधवाल पिछले चार साल से अधिकांश समय स्कूल से गायब रही हैं। पिछले करीब पांच महीने से उनकी जगह 10 हजार रुपए महीने के ठेके पर रखी गयी गांव की युवती इस अंतराल में छात्रों को पढ़ा रही थी। बताया जा रहा है कि स्कूल ज्यादातर दिनों में बंद ही रहता था। पता चला है कि द्रौपदी मधवाल मैदानी इलाके कोटद्वार की रहने वाली हैं। दुर्गम स्थल में तैनाती उनको रास नहीं आ रही थी। ऐसे में वो घर बैठे वेतन उड़ा रही थीं।