हल्द्वानी में 7 अक्टूबर 2024 को अधिवक्ता उमेश नैनवाल की निर्मम हत्या कर दी गई। यह हत्या उस समय हुई जब वे रामलीला मंचन देख रहे थे। हत्या का आरोप उनके ही भाई, एसेंट स्कूल के स्वामी दिनेश नैनवाल पर लगा, जो विवादित भूमि पर कब्जा करना चाहता था। उमेश नैनवाल ने इस कब्जे का विरोध किया, जिससे उनके और दिनेश नैनवाल के बीच विवाद गहरा गया और अंततः यह हत्या की वजह बनी।
आज जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उक्त विवादित भूमि को सरकार में निहित कर लिया और मौके पर कब्जा प्राप्त कर लिया। इस जमीन की खतौनी अब सरकारी नाम पर दर्ज कर दी गई है। प्रशासन द्वारा इस जगह पर नोटिस बोर्ड भी चस्पा कर दिया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि यह सरकारी भूमि है और इस पर किसी भी व्यक्ति द्वारा अनधिकृत रूप से प्रवेश करना प्रतिबंधित है।
जिला प्रशासन द्वारा इस विवादित भूमि को अधिग्रहित करने की कार्रवाई को कड़ा संदेश माना जा रहा है कि भूमि विवादों को लेकर होने वाले अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन की इस कार्रवाई से उम्मीद जताई जा रही है कि ऐसे मामलों में कठोर कदम उठाए जाएंगे, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।